मंदसौर
जिले के मल्हारगढ़ तहसील में ग्राम लसूडिया कद वाला में लगातार मोरों के
मरने की सूचना मिल रही है आज दो मोरों के मरने की ओर एक मोड़ के घायल होने
की सूचना पर वन विभाग की टीम मल्हारगढ़ पहुंची और घायल को मल्हारगढ़ पशु
चिकित्सालय लाया गया जा पशु चिकित्सक डॉक्टर एजाज द्वारा घायल मोड़ का इलाज
किया गया और मृतक मोरो का पोस्टमार्टम किया गया पोस्टमार्टम रिपोर्ट के
अनुसार बताया गया कि हिंदी में जंगल में खाने के लिए कुछ नहीं है जिसके
कारण मोरो और बाकी पशु पक्षियों को खाने की बड़ी समस्या हो रही है और गर्मी
भी बहुत अधिक है और वह इन समस्याओं से अचेत होकर नीचे गिर गए होंगे और
जानवरों द्वारा जैसे कुत्ते आदि द्वारा हमला करके उन्हें मार दिया गया होगा
सेम world-wide के सदस्य गजेंद्र जाट ने बताया कि जिन मोरो की मृत्यु हुई
है वह नर मोर थे और यह सामान की प्रजनन का सामान है इन दिनों मोर पंख फैलाए
आपको नाचते हुए दिखाई दे जाएंगे और पंख पहले रहने वाली स्थिति में शिकारी
कुत्ता बिल्ली जैसे जानवरों का और पर आक्रमण करने का सबसे उचित समय होता है
इसी वजह से हो सकता है मोर हमले में घायल हुए हो दीपक पाटीदार बीट प्रभारी
वन विभाग ने बताया कि मोर मरने की सूचना पर उनकी टीम तुरंत उस ग्राम में
पहुंची और पंचनामा बनाकर मरे हुए मोरोको मल्हारगढ़ पशु चिकित्सालय में लाया
गया और उसके बाद मरे मोरो का पोस्टमार्टम करवाया गया और घायल मोर का इलाज
करवाया गया
दिनांक 5 जून को भी इसी तरह का मामला
सामने आया था ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि मोर के घायल होने की सूचना पर
सबसे पहले ग्रामीण वहां पर पहुंचे और तब तक दो मोरवा मर चुके थे और एक मोर
घायल था यह देख उन्होंने वन विभाग को सूचना दी और वन विभाग की टीम मौके पर
पहुंची और उसने पंचनामा बनाया और मोरों को अपने साथ मनार गढ़ पशु
चिकित्सालय लेकर गई
2 टिप्पणियां
क्यों हो रही है राष्ट्रीय पक्षी की मौत क्या कारण हो सकता है
जवाब देंहटाएंजंगली इलाको में खाना नहीं मिलना भी इसका कारण हो सकता है
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