कोरोना से ठीक होकर अपने घर लौटी युवती
मंदसौर
में सबसे पहले कोरोना संक्रमण से ग्रसित युवती आज मंदसौर के सिद्धिविनायक
हॉस्पिटल से घर को लौटी युवती इतने दिनों से कोरोना से लड़ रही थी और आज
जाकर उसकी कोरोना पर जीत हुई और जिला प्रशासन द्वारा उस युवती की पूर्ण रूप
से जांच करने के बाद उसे घर जाने की अनुमति मिल गई और इसी के साथ तहसीलदार
और अस्पताल के अधिकारियों ने अस्पताल के नीचे ही युवती का ताली बजा कर
सम्मान किया और साथ ही उस युवती को चॉकलेट देते हुए अपनी खुशी जाहिर करें
युवती
का कहना है कि लोगों को अपना ध्यान स्वयं रखना होगा क्योंकि डॉक्टर अपना
कार्य पूर्ण ईमानदारी और लगन से कर रहे हैं उसका उदाहरण वह युवती स्वयं है
क्योंकि डॉक्टरों ने अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी से किया इसीलिए आज वह युवती
ठीक होकर अपने घर वापस जा सकी।
युवती ने कहां की हम
सब लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और मार्क्स लगाने जैसे नियमों का पालन
अनिवार्य रूप से करना चाहिए साथ ही उसने बताया कि अस्पताल में उसके साथ
बहुत ही अच्छा व्यवहार किया गया उसे किसी भी प्रकार की कोई कमी महसूस नहीं
हुई युवती का कहना है कि हमें डॉक्टरों को भगवान की तरह पूजना चाहिए
क्योंकि आज उन्हीं डॉक्टरों के कारण कितने ही लोग अपने घर स्वस्थ होकर पुनः
लौट रहे हैं डॉक्टर स्वयं की चिंता न करते हुए अस्पताल नियमित रूप से आ
रहे हैं और अपने मरीजों का ध्यान रख रहे हैं और उनका इलाज कर रहे हैं जिसके
कारण जो मरीज मौत की तगार पर जा पहुंचे उनको भी वह अपनी जान जोखिम में
डालकर वापस लाना चाहते हैं इसलिए हमें डॉक्टरों का सम्मान करना चाहिए
मंदसौर टुडे आप लोगों से विनती करता है कि आप सभी सोशल डिस्टेंसिंग और मार्क्स लगाना आदि नियमों का पालन करें क्योंकि आप सुरक्षित तो पूरा देश सुरक्षित।
आइए अब आपको बताते हैं की युवती को संक्रमण का पता कब चला
यह
युवती पुणे से अपने घर को आई थी और जब यह घर आई तो इसमें कोरोना के कोई
लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे इसलिए युवती ने अपना कोई मेडिकल चेकअप नहीं
कराया किन्तु इसने 14 दिन का होम करंट टाइम क्वॉरेंटाइन का पालन किया और जब
इसकी फैमिली में किसी को करना पड़ जाती हुआ तो संध्बिद के रूप में इस
युवती का भी चेकअप किया गया और फिर पता चला कि यह युवती भी कोरोना पॉजिटिव
है उसके बाद युवती को मंदसौर के सिद्धिविनायक हॉस्पिटल मैं रखा गया जो
मंदसौर का कोरोना अस्पताल बनाया गया है युवती का कहना है कि वह प्रारंभिक
दौर में बहुत डर गई थी की उसे इतनी घातक बीमारी हो चुकी है किंतु हॉस्पिटल
के स्टाफ एवं डॉक्टरों द्वारा उसे मोटिवेट किया गया और कहा गया कि जल्द ही
ठीक हो जाएगी वह बस हिम्मत ना हारे और हॉस्पिटल के इसी मोटिवेशन ने उसे कुछ
हद तक सहारा दिया और उसके बाद डॉक्टरों ने उसका लगातार इलाज जारी रखा और
आज वह अपने घर को लौट गई है इसके लिए सिद्धिविनायक हॉस्पिटल की सभी स्टाफ
को मंदसौर की ओर से धन्यवाद ।
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